स्क्रूगेज या पेचमापी वर्नियर कैलिपर्स से जीरो पॉइंट 0.01 सेमी या 0.1 1 मिमी तक की माप को यह सेम मापा जा सकता है परंतु कभी-कभी हमें 0.001 स...
स्क्रूगेज या पेचमापी
वर्नियर कैलिपर्स से जीरो पॉइंट 0.01 सेमी या 0.1 1 मिमी तक की माप को यह सेम मापा जा सकता है
परंतु कभी-कभी हमें 0.001 सेमि 0.01 मी मी माप को मापना पड़ता है
इसके लिए 1 ईयर से अधिक सुषमा ग्राही यंत्र का प्रयोग किया जाता है जिसे पेट माफिया स्क्रूगेज कहते हैं
यह माइक्रोमीटर स्क्रु के सिद्धांत पर कार्य करता है
इसकी सहायता से दसमलाव के तीसरे स्थान तक शुद्ध माफ याद किया जा सकता है
इसके द्वारा पतले तार की त्रिज्या पतली पट्टी की मोटाई आधी ज्ञात की जा सकती है
स्क्रूगेज का सिद्धांत (principal of screw gauge)
जब किसी एक सामान चूड़ियों वाली देवरी में एक पेज को घुमाया जाता है
तो इसकी नोक रेखा में आगे या पीछे चलती है यह दूरी पेज के सिरे की घुमाओ से समानुपाती होती है
पेट के एक सिरे को पूरा एक चक्कर घुमाने मैं पेज की नोक जितना आगे या पीछे कि सकती है उस पेज की बिछिया चूड़ी अंतराल कहते हैं
यह पेज की 25 पास वाली चूड़ियों के बीच की दूरी होती है
उदाहरण के लिए पेज को एक पूरा चक्कर घुमाने में पेज के सिरे द्वारा तय दूरी s हे पेज का चूड़ी अंतराल s होगा यदि पेच मापी के वृत्तीय स्केल पर n भाग हे
अल्पतमांक = _S_
N
साधारण स्क्रूगेज में चूड़ी अंतराल 1 मी मी तथा वत्तीय स्केल पर बने खानों की संख्या 100 होती है
स्क्रु गेज का अल्पतमांक =_1_=मीमी या 0.01 मी मी या 0.001 सेमी 100
स्क्रूगेज की संरचना construction of screw gauge
1 U आकार का धातु फ्रेम
2 पेज तथा मुख्य स्केल
3 vatya scale
1 U आकार का धातु फ्रेम: इस प्रकार के यंत्र में U आकार का धातु कर्म होता है जिसके एक सिरे पर धातु का स्थित गुटका एल लगा होता है
जिसे स्टेज कहते हैं इस प्रेम के दूसरी ओर सिरे पर ढिबरी होती है
जिसकी अंदर की सतह पर समान दूरियों पर चूड़ी कटी होती है डिलीवरी के अंदर पेज B इधर उधर इसका या जा सकता है
2 पेच तथा मुख्य स्केल: यह स्क्रूगेज का मुख्य भाग है
इसे चित्र में दिखाया गया है
यह ढिबरी फेमके दाएं औरबैठी रहती है
यह बड़ा हुआ भाग मुख्य स्केल कहलाता है
इसे पर सेमी तथा मीमी में पैमाना अंकित होता है
3 vatya scale: पेज को एक लंबे सिरे द्वारा आगे पीछे चलाया जा सकता है
इस वाक्य पैमाने पर बराबर बराबर दूरी पर सोचीन बने होते हैं
इसे पेच मापी का वित्तीय स्केल भी कहा जाता है
आधुनिक स्क्रु गेज रे चैट का भी प्रबंध होता है
वे चैट को चित्र में दर्शाया गया है
रे चैट की सहायता से ही पेज या इस ग्रुप को घुमाया _जाता है
जब्र एजेंट को घुमाने पर चैट की आवाज आए तो पेज को नहीं घुमाना चाहिए
गोलाई मापी (spherometer)
यह यंत्र माइक्रोमीटर स्क्रु के सिद्धांत पर कार्य करता है
इसका उपयोग मुख्य रूप से गोली अतल की वक्रता त्रिज्या ज्ञात करने के लिए किया जाता है
इसलिए इसे गोलाई मापी कहते हैं
इसकी सहायता से कांच की पतली प्लेट की मोटाई भी ज्ञात कर सकते हैं
गोलाई मापी की संरचना
1 धातु का फ्रेम:यह धातु का बना हुआ त्रिभुजाकार सेम होता है
जो धातु की ही बनी 3 टांगों पर A B C आशिक रहता है
इन टांगों की नोक समतल होती है इनके बीच की दूरियां भी सामान होती है
यह तीन टांगों एक समबाहु त्रिभुज की सीटों पर पड़ती है
2 मुख्य स्केल: धातु के फ्रेम से तीन टांगों में से एक टांग की ऊपरी एक ऊर्ध्वाधर स्केल एस लगी होती है
इसमें मिली मीटर में चिन्ह अंकित होता है
इससे मुख्य स्केल कहते हैं
3 ढिबरी तथा पेजः धातु के त्रिभुजाकार सेम के अंदर केंद्र पर ढिबरीबनी होती है
इस तिवरी में से होकर एक पेज गुजरता है
पेट के नीचे का सिरा नुकीला होता है
यह पेज समबाहु त्रिभुज की माध्यिका ओके कटान बिंदु पर पड़ता है
ढिबरी में कटी हुई चूड़ियों में से यह पेज आगे या पीछे घुमाया जा सकता है
4 वृत्तीय सस्केलःपेज की ऊपरी सिरे पर एक गोल शक्ति लगी होती है यह गोल माफी का वृत्तीय स्केल कहा जाता है
इस डिस्क के ठीक बीच में एक टोपी स्क्रू हेड होता है
जिसकी सहायता से पेज को ऊपर नीचे चला सकते हैं
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