Page Nav

HIDE

Grid

GRID_STYLE

Grid

GRID_STYLE

Hover Effects

TRUE

Left Sidebar

TO-LEFT

Latest

{fbt_classic_header}

Header Ad

New post

latest

विकृति strain

 विकृति strain Xx x       जब किसी वस्तु पर वीरु पक बल लगाया जाता है  तो वस्तु की लंबाई और आयतन या आकृति में परिवर्तन होता है  वस्तु के आ...

 विकृति strain

Xx x
      जब किसी वस्तु पर वीरु पक बल लगाया जाता है 

तो वस्तु की लंबाई और आयतन या आकृति में परिवर्तन होता है 

वस्तु के आकार या करती मैं बाहर रूपक रूपक बाहर रूपक रूपक मैं बाहर रूपक रूपक बाहर रूपक रूपक बल के कारण उत्पन्न अनुपातिक परिवर्तन को विकृति कहते हैं

विकृति एक ही (dimensions less) M0L0T0 राशि होती है इसका कोई मात्रक नहीं होता है 

और बाहर रूपक बल द्वारा किसी वस्तु में उत्पन्न परिवर्तन के अनुसार विकृति तीन प्रकार की होती है

Xx x

1} अनुदैधर्य विकृति {Longitudinal strain}
2} आयतन विकृति {volume strain}

3} अपरूपण विकृति {shearing strain}

Xx x

अनुदैधर्य विकृति {Longitudinal strain}
बाहा वीरुपक बल के कारण किसी वस्तु की लंबाई में परिवर्तन होता है 

तो लंबाई में उत्पन्न अनुपातिक परिवर्तन ही अनुदैधर्य विकृति कहलाती है
     
                            लंबाई में परिवर्तन
  अनुदैधर्य विकृति =_______________

                            प्रारंभिक लंबाई
Xx x


बाहर रूपक बल लगाने पर वस्तु बल लगाने पर लगाने पर वस्तु की लंबाई में वृद्धि होती है तो वस्तु में उत्पन्न विकृति तनन विकृति (Tensile strain)तथा लंबाई में कमी होती है 

तो वस्तु में उत्पन्न विकृति संपीडन विकृति(compressional strain)कहलाती है

Xx x

आयतन विकृति {volume strain}
बाहर रूपक बल लगाने पर लगाने पर वस्तु के आयतन में परिवर्तन होता है 

तो आयतन में उत्पन्न अनुपातिक परिवर्तन क ही आयतन की की विकृति कहलाती है


                          आयतन में परिवर्तन
आयतन विकृति = ________________
                           प्रारंभिक लंबाई

Xx x

अपरूपण विकृति {shearing strain}

जब किसी वस्तु के आधार को स्थिर रखकर वस्तु के ऊपरी तल पर स्पर्श रेखीय बाल इस प्रकार लगाया जाए तो वस्तु के आकार या आयतन में कोई परिवर्तन नहीं हो परंतु इसकी आकृति में परिवर्तन हो जाए तो इस अवस्था में वस्तुओं में उत्पन्न विकृति अपरूपण स्वीकृति विकृति अपरूपण स्वीकृति कहलाती है



अपरूपण विकृति को से प्रदर्शित करते हैं।

  में दर्शाये अनुसार । भुजा केआयत की AB भुजा स्थिर है तथा भुजा CD पर स्पर्श रेखीय बल F लगाने पर अपरूपणविकृति के कारण आयत का आकार ABCD से परिवर्तित हो कर ABCD हो जाता है अर्थार्स्थिर पृष्ठ के लम्बवत् रेखा AD व BC कोण से विचलित होकर नयी स्थिति AD तथा BC'
में आ जाती है।

 यही कोण अपरूपण कोण या अपरूपण विकृति कहलाती हैं।

यदि AD = BC -1 तथा DD' = CC'= A / तथा विकृति कोण सूक्ष्म हो

Xx x

विकृति का मतलब
विकृति का सूत्र
अपरूपण विकृति किसे कहते हैं
विकृति की इकाई क्या है
अनुदैर्ध्य विकृति


No comments

close