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पेट्रोल व डीजल-फ्यूल रेटिंग (ऑक्टेन संख्या व सीटेन संख्या)

 पेट्रोल व डीजल-फ्यूल रेटिंग (ऑक्टेन संख्या व सीटेन संख्या) (Petrol & Deisel - Fuel rating) (Octane number & cetane number) xx x क...

 पेट्रोल व डीजल-फ्यूल रेटिंग (ऑक्टेन संख्या व सीटेन संख्या)
(Petrol & Deisel - Fuel rating) (Octane number & cetane
number)

xx x

क्रूड पेट्रोलियम के भंजक (destructive) आसवन के द्वारा 70-110°C पर पेट्रोलकी प्राप्ति होती है। इसे गैसोलीन भी कहते हैं। यह C, -C, तक के संतृष्त

व असंतृप्त हाइड्रोकार्बन का मिश्रण है 

तथा इसका कैलोरीमान 11400 cal/gm होता है। 

यह अति ज्वलनशील व अतिवाष्पशील पदार्थ हैं। यह शीघ्रता से

एटोमाइज हो जाता है। अतः इसे अन्तर्तदहन इंजन में ईधन के रूप में काम में लिया जाता है।

 अतः इसे अन्न्तदहन इंजन में ईंधन के रूप में काम में लिया जाता है। 

विभिन्न वाहनों में उपयोग में लेने के लिए इसकी फ्यूल रेटिंग ज्ञात की जाती है अर्थात् इसकी दक्षता ज्ञात की जाती है 

पेट्रोल की फ्यूल रेटिंग को बताने वाली संख्या ऑक्टेन संख्या कहलाती है।


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ऑक्टेन संख्या (Octane number)

जब किसी पेट्रोल इंजन के वाहन को कम

गति व उच्च दाब पर चलाया जाता है तो कभी-कभी उसके इंजन में असाधारण दहन की क्रिया होती है और खड़खड़ाहट (Knocking) की आवाज आती है।

खड़खडाहट की मात्रा नहीं होनी चाहिए या कम से कम होनी चाहिए। अत: इसे जस सख्या के द्वारा या दर के द्वारा इसका न होना अर्थात् एन्टीनॉक के गुण

को बताती है वह ऑक्टेन संख्या कहलाती है।

यह एक सापेक्ष संख्या है जो दो पदार्थों के एन्टीनॉक गुणों की तुलना करके ज्ञा क जाती है। इसका पैमाना आइसो ऑक्टेन जिसका एन्टीनॉक गुण

सौ (100)तथा a- हेप्टेन जिसका एन्टीनॉक गुण शून्य होता है, के विभिन्न आनुपातिक ।

मिश्रण बना कर फिर उसकी तुलना पेट्रोल के एन्टीनॉक गुण से करकेनिकाली जाती है उदाहरण के लिए आजकल पेट्रोल पम्प पर मिलने का पेट्रोल की ऑक्टेन संख्या 80 होती है

 इसका मतलब कि यह पेट्रोल 8W आइसो ऑक्टेन तथा 20 माग n- हेप्टेन के मिश्रण के बराबर एन्टीनॉक 3 रखता है। 

नाकिंग इंजन के डिजाइन तथा संचालन पर भी निर्भर करती है।इसलिए ऑक्टेन संख्या केवल निर्देश मात्र हे 

पेट्रोल की ऑक्टेन संख्या बढ़ाने के लिए लैड टेट्रा इथिल व लैड टेट्टा मे मिलाया जाता था परन्तु इससे वायु प्रदुषण का सकट बढ़ जाता है। 

यह मा के लिए भी हानिकारक होता है आजकल पेट्रोल भी ऑक्टेन संख्या बढ़ाने लिए एथिल एल्कोहॉल मिलाया जाता है।

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डीजल ईंधन-

डीजल ईंधन की प्राप्ति 300C पर क्रूड पेट्रोलियम से प्राप्त मारे तेल से होती है

 यह भी बहुत अधिक ज्वलनशील होता है इसका कैलोरीमान

10800 cal/gm होता है इसे भारी व हल्के वाहनों में ईधन के रूप में काम में लिया जाता है। डीजल ईधन की ज्वलनशीलता के गुण को सीटेन संख्या के

द्वारा बताया जाता है। सीटेन संख्या के आधार पर दो प्रकार के डीजल जो कि वाहनों की गति के आधार पर भी होते हैं, काम में लिये जाते हैं ।


45 सीटेन संख्या वाले डीजल को उच्च गति वाले वाहनों में तथा 30 सीटेन संख्या वाले डीजल को कम गति वाले वाहनों में ईधन के रूप में उपयोग में

लिया जाता है।

सीटेन संख्या स्वतः दहन के लिए आवश्यक तापक्रम को डीजल ईंधन कीसीटेन संख्या कहते हैं। सबसे उत्तम डीजल ईंधन सीटेन (Caliu) का

ज्वलन ताप सबसे अधिक तथा a-मिथाइल नैफ्थलीन का ज्वलन ताप सबसे कम होता है।

 सीटेन संख्या भी एक सापेक्ष दर है जो दो उपरोक्त पदार्थों के विभिन्न मिश्रण बराबर उनकी डीजल के साथ तुलना करके

निकाली जाती है।

x xx

आर किसी डीजल तेल की सीटिन संख्या 30 है तो इस तेल का स्वतः (Auto or spontancous) दहन उसी ताप पर होगा जिस पर 30% सीटेन व 70%

मिाइल नैपथेलीन के मिश्रण का होता है डीजल तेल की सीटेन संख्या बढ़ाने के लिए उसमें एसीटोन व मेचिल एल्कोहॉल को मिलाया जाता है। सीटेन ।

(Col) को n- हेक्साडीकेन कहते हैं।


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